किसानों से 80-100 रुपये लीटर के भाव पर दूध खरीदेगी ये सरकार, लगाएगी डेयरी प्रोसेसिंग यूनिट
Milk Processing Plant: सरकार राज्य के कांगड़ा (Kangra) जिला के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगाएगी.
कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगेगा. (Image- Freepik)
कांगड़ा के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट लगेगा. (Image- Freepik)
Milk Processing Plant: हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के पशुपालकों और किसानों के लिए अच्छी खबर है. राज्य सरकार किसानों से गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर खरीदेगी. इसके लिए सरकार राज्य के कांगड़ा (Kangra) जिला के डगवार में 250 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करेगी. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (NDDB) के सहयोग से स्थापित किया जाएगा और इसके मार्केटिंग से संचालन तक के काम में एनडीडीबी की सहायता ली जाएगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि डगवार संयंत्र की क्षमता 1 लाख लीटर से 3 लाख लीटर तक होगी, जिसमें दूध के हाई क्वालिटी वाले उत्पाद भी तैयार किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपने प्रतिज्ञापत्र (Pratigyapatra) में डेयरी किसानों से गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर और भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर पर खरीदने का वादा किया था और राज्य सरकार उसी वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है.
ये भी पढ़ें- धान छोड़िए, ये फसल सिर्फ 2 महीने में बना देगी मालामाल
TRENDING NOW
6 शेयर तुरंत खरीद लें और इस शेयर को बेच दें; एक्सपर्ट ने निवेशकों को दी कमाई की स्ट्रैटेजी, नोट कर लें टारगेट और SL
इस कंपनी को मिला 2 लाख टन आलू सप्लाई का ऑर्डर, स्टॉक में लगा अपर सर्किट, 1 साल में 4975% दिया रिटर्न
टिकट बुकिंग से लेकर लाइव ट्रेन स्टेटस चेक करने तक... रेलवे के एक Super App से हो जाएगा आपकी जर्नी का हर काम
किसानों की बढ़ेगी आय
सुक्खू ने कहा कि डगवार में प्लांट की स्थापना से कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना और चंबा जिलों के किसानों को लाभ होगा और एनडीडीबी इन क्षेत्रों में मिल्क कलेक्शन सिस्टम के लिए एक सर्वेक्षण करेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार डेयरी उत्पादों की पैकेजिंग में प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए दृढ़ संकल्पित है, इसलिए उसे प्लास्टिक के विकल्प भी तलाशने चाहिए, ताकि राज्य की जलवायु और हवा को प्लास्टिक के प्रदूषणकारी तत्वों से बचाया जा सके.
सुक्खू के अनुसार, राज्य की लगभग 90% आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है और पशुपालन और कृषि एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना जरूरी है.
ये भी पढ़ें- कैलिफोर्निया के जंगल की आग रोकेंगी बकरियां
एनडीडीबी के चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा कि वह इस मिशन के लिए हिमाचल प्रदेश को हरसंभव मदद मुहैया कराएंगे. बयान में कहा गया है कि संयंत्र के संचालन और दूध उत्पादों के विपणन के लिए एनडीडीबी अपने खर्चे पर दो सलाहकार भी मुहैया कराएगा.
ये भी पढ़ें- पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लेना होगा थोड़ा मुश्किल, RBI ने सख्त किए ये नियम
Zee Business Hindi Live TV यहां देखें
02:06 PM IST